भविष्य में कोई धर्म रहेगा या नहीं इसकी सम्भावना बेहद कम हो चली है। ऐसा इंटरनेट ने भी अवश्य संभावी बना दिया है। हालाँकि बौद्ध, कन्फ़्यूशियस के विचार, इको-धर्मा आदि जैसे ईश्वरविहीन जीवन पद्धति के लोकप्रिय होने की बात जरुर संभव नज़र आती है। नेशनल जियोग्राफिक द्वारा हाल ही में किए गए एक वैश्विक सर्वेक्षण से पता चलता है कि दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ता धर्म, इस्लाम या ईसाई धर्म नहीं है, बल्कि – Atheism या नास्तिकता है।





Is atheism growing more than before?
सर्वेक्षण के परिणामों के अनुसार, (Atheism) नास्तिकता अब उत्तरी अमेरिका में दूसरा सबसे बड़ा समुदाय है। यूरोप के अधिकांश हिस्सों में आज यही Trend चल रहा है। अकेले संयुक्त राज्य अमेरिका में लगभग 22.8% आबादी अब खुद को (Atheist) नास्तिक बताती है, जबकि 2007 के सर्वे में यह आंकड़ा 6.7% था।[2]
सोशल मीडिया पर बढ़ते नास्तिकों के ग्रुप, पेज, ब्लॉग आदि से भी इस बात की तस्दीक की जा सकती है।
यह कोई दावा नहीं है, बल्कि एक अंदाज़ा भर है कि आने वाले 50 सालों में ज्यादा नहीं तो
भारत के 25 प्रतिशत युवा (Atheist) नास्तिक जरुर हो जायेंगे।
आखिरी बात, दुनिया का सबसे नया धर्म, कोई धर्म नहीं, बल्कि कोई धर्म ही नहीं होना है।[4] क्योंकि धर्मनिरपेक्षता अथवा (Is atheism growing) नास्तिकता लगातार बढ़ती जा रही है। साथ ही नास्तिक (Atheist) और अज्ञेय (Agnostic) जैसी अन्य Category भी इसमें बढ़ेंगे व समय के साथ विस्तार पाएंगे।
~ शेषनाथ वर्णवाल