Jesus ने बचपन से ही मुझे बहुत आकर्षित किया है,
Jesus यहूदी चरवाहे के घर पैदा हुए थे। भेड़ें चराते रहे और एक निर्दोष जीवन जिये।
एक महिला को सजा देने के लिए पत्थर मारने वाली भीड़ से कहा
पहला पत्थर वो मारे जिसने पाप ना किया हो।
उस वक़्त ये कितने साहस की बात थी?
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Jesus ने पुराने धर्म की बात नहीं मानी !
पुराना धर्म कहता था दांत के बदले दांत और आँख के बदले आँख ही धर्म है।
Jesus ने पहली बार कहा कि नहीं यह धर्म नहीं है।
बल्कि धर्म तो यह है कि-
कोई तुम्हारे एक गाल पर तमाचा मारे तो दूसरा गाल भी आगे कर दो, और कोई तुमसे तुम्हारी कमीज़ मांगे तो तुम उसे अपना कोट भी दे दो।
साहूकारों पर जीसस कोड़े ले कर टूट पड़े थे !
Jesus ने कहा सूईं के छेद से ऊँट का निकलना संभव है, लेकिन एक भी अमीर का स्वर्ग में प्रवेश असम्भव है, मंदिर के परिसर में बैठ कर गरीबों को ब्याज़ पर पैसा देने वाले साहूकारों पर जीसस कोड़े ले कर टूट पड़े थे।
और उन्हें मार-मार कर वहाँ से भगा दिये, उनकी मेजें उलट दी थीं, बाद में ईसा के नाम पर बनाए गये ईसाई धर्म के चर्च के कथित पादरियों और राजाओं नें मिल कर गरीब किसानों का वैसा ही शोषण किया जैसा भारत में पुरोहितों और राजाओं के गठजोड़ ने किया है।
भला होने की सज़ा मिली थी !
उन्हें भला होने के लिए सज़ा दी गई। Jesus को दो चोरों के साथ अपना सलीब खुद अपने कन्धों पर ढोने के लिए मजबूर किया गया था। काँटों की टहनी उनके सर के चारों तरफ पहना दी गई थी। अंत में Jesus को लकड़ी के सलीब पर कीलों से ठोक दिया गया। वह गरीब की तरह पैदा हुए, गरीब की तरह जिये, गरीबों के लिए जिये। और गरीब की तरह मारे गए।
गैलीलियो के साथ भी ऐसा हुआ





इसी तरह गैलीलियो (Galileo Galilei) को विज्ञान की बात कहने के अपराध में चर्च द्वारा उम्र कैद दे दी गई, क्योंकि विज्ञान की सच्ची बात का बाईबिल से मेल नहीं खाता था, ब्रूनो (Giordano Bruno) को भी सच कहने के कारण चर्च ने जिन्दा जला दिया था।
ईसाइयों ने कई सौ साल तक चलने वाले युद्ध लड़े, दुनिया को लूटने वाले और सारे संसार पर युद्ध थोपने वाले अमरीका और यूरोप के पूंजीवादी राष्ट्र खुद को Jesus का अनुयायी कहते हैं। यही संस्थागत धर्म की त्रासदी है जबकि Jesus ग़रीब की तरह पैदा हुए थे, ग़रीब की तरह ही जिये और एक गरीब की तरह मारे गए।
~हिमांशु कुमार





जीसस मुझे धार्मिक नेता नहीं, हमें अपने साथी लगते हैं।
कामरेड जीसस को लाल सलाम…!